केंद्रीय कर्मचारियों की कब बढ़ेगी सैलरी, आठवें वेतन आयोग पर आया बड़ा अपडेट 8th Pay Commission Salary

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देशभर के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग की घोषणा और इसके लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार कब तक इसकी प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी और सैलरी में बढ़ोतरी की सौगात मिलेगी। हालांकि, अभी तक केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक निर्णय या ठोस टाइमलाइन सामने नहीं आई है।

जनवरी में हुई थी घोषणा, अब तक ToR तय नहीं

जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। सामान्य उम्मीद यह थी कि अप्रैल तक इसके Terms of Reference (ToR) यानी कार्यक्षेत्र और दिशा तय कर लिए जाएंगे। लेकिन अब जुलाई बीतने को है और ToR अभी तक अधूरी स्थिति में हैं। इस देरी से कर्मचारियों में असंतोष और चिंता का माहौल बना हुआ है।

7वां वेतन आयोग 2025 में होगा समाप्त

सातवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था और इसकी वैधता 31 दिसंबर 2025 तक निर्धारित है। परंपरागत रूप से हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित होता है, और इसी आधार पर आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया समय से शुरू होनी चाहिए थी। लेकिन फिलहाल इसमें अपेक्षित तेजी नहीं देखी जा रही है।

नियुक्तियों की प्रक्रिया धीमी, कर्मचारियों की उम्मीदें अधर में

जनवरी 2025 से अब तक आयोग गठन की प्रक्रिया काफी धीमी रही है। अप्रैल 2025 में कार्मिक विभाग (DoPT) ने चार अपर सचिव स्तर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। दो बार अंतिम तारीख बढ़ाकर अब 31 जुलाई कर दी गई है, लेकिन अब तक न चेयरमैन की घोषणा हुई है और न ही अन्य सदस्यों की नियुक्ति की गई है।

पिछले आयोगों की प्रक्रिया से तुलना

छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में गठित हुआ था, मार्च 2008 में रिपोर्ट आई और अगस्त 2008 से इसे लागू किया गया था। वहीं, सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना, नवंबर 2015 में रिपोर्ट दी और जून 2016 में इसे मंजूरी दी गई। दोनों ही मामलों में रिपोर्ट देने और लागू करने की प्रक्रिया लगभग दो साल की रही है।

रिपोर्ट और सिफारिशें आने में कितना वक्त लगेगा?

अगर सरकार अगस्त या सितंबर 2025 तक आयोग का गठन कर देती है, तो रिपोर्ट आने में लगभग 18 से 24 महीने का समय लग सकता है। इसका मतलब है कि रिपोर्ट 2027 की शुरुआत तक आएगी और उसे लागू करने में 6 से 8 महीने और लग सकते हैं। इस आधार पर यह 2028 की शुरुआत में लागू हो सकता है।

फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ोतरी की मुख्य कुंजी

वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा गुणांक होता है जिससे मूल वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। इससे सभी वेतनमानों में समान रूप से बढ़ोतरी सुनिश्चित होती है और यह महंगाई के असर को भी संतुलित करता है।

कितना फायदा मिल सकता है कर्मचारियों को?

अगर मौजूदा न्यूनतम वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो यह ₹51,480 हो जाएगा। इसी तरह, यदि किसी पेंशनभोगी को वर्तमान में ₹9,000 पेंशन मिल रही है, तो फिटमेंट फैक्टर लागू होने के बाद यह ₹25,740 तक जा सकती है। इससे पता चलता है कि वेतन और पेंशन में व्यापक वृद्धि संभावित है।

कर्मचारी संगठन कर रहे हैं जल्द कार्रवाई की मांग

देशभर के कर्मचारी संगठन केंद्र सरकार से लगातार आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के कारण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। ऐसे में जल्द से जल्द आयोग का गठन और उसकी सिफारिशों को लागू करना जरूरी है।

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