मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त का इंतजार अब तेजी से बढ़ता जा रहा है। राज्य की 1.27 करोड़ से अधिक महिलाएं जुलाई 2025 में आने वाली अगली किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। इस योजना के तहत हर पात्र महिला को ₹1250 प्रतिमाह की सहायता दी जाती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर बनाया जा सके।
25वीं किस्त का हुआ डिजिटल भुगतान
16 जून 2025 को जबलपुर में आयोजित एक राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने 25वीं किस्त का वितरण डिजिटल तरीके से लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर किया। इस अवसर पर सरकार ने यह दोहराया कि यह योजना महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
26वीं किस्त की संभावित तारीख क्या है?
पिछले भुगतान शेड्यूल को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त जुलाई के अंतिम सप्ताह में जारी की जा सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। राज्य सरकार की ओर से जैसे ही अंतिम मंजूरी मिलेगी, राशि डीबीटी माध्यम से खातों में भेज दी जाएगी।
इस बार ₹1500 मिल सकते हैं?
जुलाई की किस्त को लेकर एक और बड़ी चर्चा सामने आ रही है कि इस बार ₹1250 की जगह ₹1500 दिए जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार, रक्षाबंधन के अवसर पर ₹250 की विशेष शगुन राशि जोड़ने पर सरकार विचार कर रही है। यह बदलाव फिलहाल प्रस्तावित स्तर पर है और इसके बारे में कोई अधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
डीबीटी लिंकिंग है अनिवार्य
लाडली बहना योजना की आगामी किस्त समय पर पाने के लिए यह जरूरी है कि लाभार्थी महिला का बैंक खाता डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से लिंक हो। जिन खातों में डीबीटी अपडेट नहीं है, उनमें राशि आने में देरी हो सकती है या वह किस्त रुक भी सकती है। इसके लिए समय रहते अपने बैंक और समग्र पोर्टल की जानकारी अपडेट करना आवश्यक है।
कैसे चेक करें 26वीं किस्त का स्टेटस?
लाभार्थी महिलाएं लाडली बहना योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://cmladlibahna.mp.gov.in पर जाकर अपनी भुगतान स्थिति देख सकती हैं। वेबसाइट के “आवेदन एवं भुगतान की स्थिति” सेक्शन में जाकर समग्र आईडी या आवेदन क्रमांक दर्ज करें और ओटीपी सत्यापन के बाद अपनी सभी किश्तों की जानकारी स्क्रीन पर प्राप्त करें।
आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत पहल
मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना सिर्फ एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक स्थायी और व्यापक नीति का हिस्सा है। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक भागीदारी में भी सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।