राजस्थान सरकार ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बच्चों की परवरिश और शिक्षा को सुरक्षित करने के लिए पालनहार योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को एक बेहतर जीवन देना है जो अनाथ हैं, दिव्यांग हैं या जिनके माता-पिता किसी कारणवश उनकी देखभाल नहीं कर पा रहे। यह योजना ना केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद करती है।
किसे मिलता है पालनहार योजना का लाभ
इस योजना के तहत वे लोग लाभ उठा सकते हैं जो किसी अनाथ, दिव्यांग या बेसहारा बच्चे की देखभाल कर रहे हैं। इसमें चाचा-चाची, दादा-दादी, भाई-बहन जैसे निकट रिश्तेदार शामिल हैं। हालांकि योजना का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि बच्चा राजस्थान का स्थायी निवासी हो और उसकी उम्र 18 साल से कम हो। साथ ही, पालक की वार्षिक पारिवारिक आय ₹1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
कितनी मिलती है आर्थिक सहायता
राज्य सरकार बच्चों की आयु के अनुसार मासिक सहायता प्रदान करती है। यदि बच्चा 0 से 6 वर्ष का है तो ₹1500 प्रति माह की राशि दी जाती है। वहीं, 6 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए यह राशि ₹2500 प्रतिमाह निर्धारित की गई है। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह सहायता ₹750 से ₹1500 तक हो सकती है, जो बच्चों की जरूरतों और स्थिति के अनुसार तय होती है।
किन बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है?
पालनहार योजना का लाभ उन बच्चों को प्राथमिकता के साथ दिया जाता है जो अनाथ हैं या जिनके माता-पिता जेल में बंद हैं। इसके अलावा एचआईवी/एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा या विधवा महिला द्वारा देखे जा रहे बच्चे, और विशेष आवश्यकता वाले बच्चे जैसे मूक-बधिर या शारीरिक रूप से दिव्यांग भी इस योजना के पात्र हैं। इस योजना का दायरा इतना व्यापक है कि यह समाज के हर संवेदनशील वर्ग को छूता है।
आवेदन के लिए जरूरी शर्तें और दस्तावेज
इस योजना के तहत आवेदन करते समय पालक को यह साबित करना होता है कि बच्चा वास्तव में उसके संरक्षण में है। इसके लिए माता-पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र, अदालत का आदेश, या सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से जारी प्रमाणपत्र जैसी वैध प्रमाणिकता जरूरी होती है। इसके अलावा बच्चा और पालक दोनों का पहचान पत्र, निवास प्रमाण, और आय प्रमाण पत्र भी अनिवार्य होते हैं।
पालनहार योजना के लिए आवेदन कैसे करें
पालनहार योजना का आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। इसके लिए इच्छुक पालक को राजस्थान सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होता है। सही दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति की प्रक्रिया जल्दी पूरी होती है। ग्राम स्तर पर जन सेवा केंद्रों से भी इस योजना का आवेदन कराया जा सकता है।